rahim das biography in hindi > रहीम दास का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना था। उनका जन्म 1556 में लाहौर में हुआ था, जो आजकल पाकिस्तान में है। रहीम दास अकबर के अंगरक्षक के पुत्र थे। अकबर ने उन्हें हज पर भेजा और मार्ग में उनके शत्रु द्वारा वध किए जाने के बाद, अकबर ने रहीम और उनकी मां सुल्ताना बेगम को
अपने पास बुला लिया और उनकी देखभाल की। अकबर ने रहीम की शिक्षा की अच्छी व्यवस्था की और उनके संस्कृत के गुरु भदैनी थे। रहीम दास का विवाह महाबन्नो बेगम से हुआ था। वे अकबर के नवरत्नों में से एक थे और अकबर के प्रधान सेनापति और मंत्री भी रहे। रहीम एक वीर योद्धा थे और वे अपने कुशल नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी दानशीलता की कई कहानियां प्रचलित हैं। रहीम दास का निधन 1627 में हुआ
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जीवन परिचय rahim das biography in hindi
पूरा नाम: बाबा रहीम दास
जन्म: 1556 (लगभग)
मृत्यु: 1627 (लगभग)
जन्म स्थान: उत्तर प्रदेश, भारत
पिता: महमूद शाह
माता: कोई जानकारी उपलब्ध नहीं
धर्म: इस्लाम
शिक्षा: रहीम ने अपनी शिक्षा धार्मिक और साहित्यिक गुरु से प्राप्त की
रहीम का जन्म कहाँ हुआ था
रहीम दास का जन्म 1556 में हुआ था, न कि 1627 में। कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्म लाहौर में हुआ था, जबकि अन्य का कहना है कि उनका जन्म स्थान इलाहाबाद था। रहीम दास की मृत्यु 1627 में आगरा में हुई थी। उनका मकबरा दिल्ली में स्थित है
rahim das जन्म और परिवार
रहीम दास का जन्म 17 दिसंबर 1556 को लाहौर में हुआ था, जो आज पाकिस्तान में स्थित है। रहीम दास के पिता का नाम बैरम खान था, जो मुगल साम्राज्य के प्रमुख सेनापति थे। उनकी माता का नाम सुल्ताना बेगम था। बैरम खान की मृत्यु के बाद, अकबर ने रहीम को अपने पुत्र की तरह पाला और उन्हें महत्वपूर्ण शिक्षाएं प्रदान कीं
rahim das शिक्षा और ज्ञान
rahim das साहित्यिक योगदान
रहीम दास की प्रमुख रचनाएं हिंदी और फारसी में हैं, और उनकी कविताएं भक्ति, नीति, प्रेम, और श्रृंगार रस पर आधारित हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण दोहे और कविताएं लिखी हैं जो जीवन की गहराइयों को समझाती हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में “संग्रह”, “नमाष्टक”, “दोहावली”, और “कवितावली” शामिल हैं। इन रचनाओं ने उनकी साहित्यिक प्रतिभा और भक्ति के प्रति समर्पण को दर्शाया है
rahim das विवाह और पारिवारिक जीवन
rahim das मृत्यु और उत्तराधिका
रहीम दास का निधन 1627 में हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद उनका शव दिल्ली लाया गया, और उनका मकबरा आज भी दिल्ली में स्थित है। उनकी रचनाएं और योगदान आज भी साहित्य प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। रहीम दास की कई कविताएं और दोहे आज भी अत्यधिक मूल्यवान माने जाते हैं। उनकी शिक्षा और विचारधारा ने भारतीय साहित्य को समृद्ध किया है। रहीम दास को उनके समय के सबसे उत्कृष्ट कवियों में से एक माना जाता है
rahim das जीवन की प्रमुख बातें
रहीम दास एक सूफी संत थे, और उनकी कविताओं में प्रेम, भक्ति, और मानवता का गहरा संदेश देखने को मिलता है। उनकी काव्य रचनाएं, विशेषकर कविताएं और दोहे, हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनके दोहे जीवन की सरलता और गहराई को उजागर करते हैं, और समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हुए नैतिक शिक्षा प्रदान करते हैं।
अकबर के शासनकाल के दौरान और उनकी मृत्यु के बाद, रहीम का जीवन और रचनाएं हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में गिनी जाती हैं। काव्यशास्त्र में, रहीम ने प्रेम और भक्ति के गहरे भावों को प्रस्तुत किया है, और उनकी कविताओं में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण की झलक भी मिलती है
rahim das की प्रमुख रचनाएँ
रहीम दास की प्रमुख रचनाओं में उनके दोहे, गजल, और भक्ति कविताएं शामिल हैं। उनकी रचनाएं आज भी हिंदी साहित्य में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं और उन्हें शिक्षाप्रद मानकर पढ़ा जाता है। रहीम दास की कविताओं में जीवन की विभिन्न परिस्थितियों का सुंदर चित्रण देखने को मिलता है। उनकी काव्य शक्ति आज भी पाठकों को गहराई से प्रभावित करती है और उनकी कविताएं समय के साथ भी प्रासंगिक बनी हुई हैं
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